कुछ तो शरम कर ले |
देख इन बेचारों की भूख, कर ले कुछ शरम
स्वयं प्रभु कहत है, होता है ये सबसे बड़ा धरम
जब न होगा तुझ पर खाने को...उस दिन तू भी मांगता नज़र आएगा
ये सोच सोच कर एक दिन तू बहुत पछताएगा...
भगवान पर बहाता है तू दूध हजारों का
एक बूंद भी नही देता पीने को ताकि पेट भर जाए इन भूखों का
सुन ले मनुष्य...धरम से तो पाप धुलते है
पर करम से ही स्वर्ग के द्वार खुलते है...
अगर नही दे सके खाने को इन भूखों को तो इतना सा कर ले
जो तू झूठो डालट है उसे थोड़ा कम कर ले
अगर देखे किसी भूखे को रास्ते पर तो कुछ खाने को दे देना
ताकि वो भी अपना पेट भर सके...ताकि वो अपना पेट भर सके
अरे बंधु कुछ तो शरम कर ले...थोड़ी सी शरम
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